शाम ए महफिल में उस्ताद रियाज की गजलों पर झूम उठे श्रोता
सर्द रात में सुरों की गर्माहट से समां बांधा जयपुर, 11 जनवरी। पिंकसिटी प्रेस क्लब के सभागार में शनिवार शाम गजल गायकी के ऐसे सरिता बही कि श्रोता उसमें देर तक गोते लगाते रहे। कार्यक्रम में गजल गायक उस्ताद रियाज अहमद ने सुरों का ऐसा समां बांधा कि सर्द रात में सभी मंत्र मुग्ध होकर झूम उठे। गायक नवल डांगी द्वारा गणेश वंदना से शुरू हुए कार्यक्रम शाम ए महफिल में जब उस्ताद रियाज ने एक तरफ उसका घर, एक तरफ मैं गदा.., चांदी जैसा रंग है तेरा…, हंगामा क्यूं है बरपा थोड़ी सी जो पी ली है... जैसी उम्दा शायराना गजलों के तराने छेड़कर सभी के दिलों को गहराई तक आनंदित कर दिया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विधायक रफीक खान और अन्य श्रोता भी गजलों की रवानियत में डूब कर झूमते नजर आए। कार्यक्रम में तबले पर वसीम खान,कीबोर्ड पर हबीब खान, वायलिन पर गुलजार हुसैन, गिटार गौरव भट्ट और ड्रम पर विनय ने संगत की।