संगठन के लिए प्रवास, गिरिराज धरण पर अटल विश्वास



रोचक मुलाकात, सादा जीवन, उच्च विचार

रूपेश टिंकर

जयपुर। भरतपुर जिले के ग्राम अटारी से निकलकर राज्य के मुख्यमंत्री पद पर पहुंचे भजन लाल शर्मा के जीवन में दो बातें ऐसी हैं, जिसने उन्हें इस सर्वोच्च पद तक पहुंचा दिया। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री के रूप में निरंतर प्रवास करने वाले भजन लाल को गिरिराज धरण पर इतना विश्वास रहा कि उन्होंने हर निराशा के बाद गिरिराज धरण की शरण में पहुंचकर एक नया उत्साह और विश्वास पाया और फिर से अपने काम में जुट गए।

मुझे याद है जब चार माह पहले मैं यहां बालाजी टावर में उनसे मिला था तो उन्होंने इसी अटल विश्वास का खुद जिक्र किया था। बालाजी टावर में भजनलाल जी के पड़ौसी एवं विश्व हिंदू परिषद प्रदेश के पूर्व पदाधिकारी अवधेश पारीक से मिलने गया था। सुबह सुबह प्रवास पर निकलते समय भजनलाल जी से मुलाकात हुई तो पता चला कि बीती रात 2 बजे तो वे प्रवास से लौटे थे और अगली सुबह फिर से अगले प्रवास पर रवाना हो रहे थे। हमने पूछ लिया कि भाईसाहब, संगठन के लिए प्रवास करते बरसों बीत गए। कई कई दिन घर से दूर रहकर आपको डायबीटिज तक हो गई। ये संगठन कभी कुछ देगा भी या नहीं। कभी कोई चुनाव लड़ाएगा या नहीं। पहले राज्यसभा में नाम चला, टिकट घनश्यामजी को दे दिया। फिर पार्टी अध्यक्ष के लिए भी नाम चला तो सीपी जोशी जी को बना दिया। इस पर बड़े भरोसे के साथ कहने लगे कि मैंने तो संगठन और ठाकुरजी पर छोड़ दिया है। अब संगठन जाने और गिरिराज धरण जाने कि मुझसे क्या लेना है और मुझे क्या देना है। इतना कहकर संगठन के लिए एक और प्रवास के लिए वे रवाना हो गए।

पार्टी, संगठन के काम को हमेशा प्राथमिकता देने वाले और संगठन को बढ़ाने के लिए निरंतर प्रवास करने वाले शर्मा कभी साधनों के भरोसे भी नहीं रहे। उनके साथी अनेक किस्से बताते हैं। एक साधारण परिवार से आने वाले शर्मा ने अनेक बार बसों में साधारण यात्री की तरह यात्राएं की है। मुख्यमंत्री के रूप में नाम घोषित होने के बाद पिछले दो दिनों में 30 हजार से अधिक लोग उनसे मिले हैं और सभी से सहज भाव से मिलकर उन्होंने विश्वास जताया है कि जो जिम्मेदारी और अपेक्षाएं उनसे की गई है, पूर्ण मनोयोग से उसे निभाएंगे, पूरी करेंगे। कुछ आलोचक संसदीय प्रणाली के अनुभव की कमी बता रहे हैं, लेकिन मेरा दृढ़ मानना है कि अपनी कर्मशीलता और सहजता से वे शासन की बागडोर भी संभालेंगे और संगठन के काम को भी इतनी मजबूती देंगे कि अगले चुनावों में दूसरा कोई दल दूर तक कोई चुनौती नहीं दे सकेगा। 15 दिसम्बर, 2023 को अपने जन्मदिन के दिन वे जयपुर के रामनिवास बाग स्थित अलबर्ट हॉल से प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। प्रदेश के शासन और भाजपा संगठन के उत्थान के लिए मेरी और बढ़ती दुनिया समाचार पत्र की ओर से उन्हें असीम शुभकामनाएं। गिरिराज धरण की कृपा बनी रहे। बंसी वारे की जय।

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