संदेश

नवंबर, 2023 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

गारंटियों के भ्रमजाल में बदलता नहीं दिख रहा सत्‍ता का रिवाज

चित्र
रूपेश टिंकर   राजस्‍थान में एक बार ये और एक बार वो का रिवाज यूं ही नहीं बना। गहराई में यही समझ आता है कि जनता को उसके काम हो या न हो, उससे ज्‍यादा मतलब नहीं है, काम तो एक सतत प्रक्रिया है, जो होता ही है, लेकिन सत्‍ता के नशे में इतराते नेता कतई बर्दाश्‍त नहीं है। विधायक, मंत्री और सरकार बनकर पांच साल जो सत्‍ता की ताकत में चूर होकर इतराते हैं, उसे अगले चुनाव में सबक जरूर सिखाया जाता है। वैसे तो अधिकतर मतदाता भाजपा और कांग्रेस की विचारधारा से परंपरागत रूप से जुड़े नजर आते हैं। परंतु 1-2 प्रतिशत मतदाताओं का उलटफेर सत्‍ताधारी को अर्श से फर्श पर ला पटकता है।  प्रदेश के मतदाताओं के मूड में गौरतलब ये भी जब भाजपा सत्‍ता में आती है तो 150 से आगे तक पहुंच जाती है, लेकिन जब कांग्रेस आती है तो 99 पर आ अटकती है और जब भाजपा सत्‍ता से जाती है तो भी 77 पर रुकती है और वहीं कांग्रेस जब जाती है तो 21 तक सिमटती दिखाई पड़ती है। प्रदेश की लोकसभा सीटाें में पिछले दो चुनावों से कांग्रेस का खाता भी नहीं खुलता है। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी और उसकी भाजपा की लोकप्रियता और स्‍वीकार्यता पर प्रदेशवासियों क...