अब आया है नाथी का ऊंट जनता के पहाड़ के नीचे
सत्ता के मद में जनता को दिखाई आंख, अब जनता की बारी
रूपेश टिंकर
जयपुर। प्रकृति का नियम है, समय सबका आता है। लोकतंत्र में जनता का समय चुनाव में ही आता है, जब वह सत्ता के घमंड में चूर नेताओं को उनकी असली औकात दिखाती है। हालांकि सत्ता का नशा ऐसा होता है, जिससे कोई भी दल या नेता मुश्किल ही बच पाता है।
राजस्थान की 200 विधानसभा सीटों के अलग अलग आकलन हो सकते हैं, लेकिन जनता की पसंद, नापसंद और लोक व्यवहार के मूल सिद्धांत से हटकर कोई नहीं हैं। 5 साल पहले चुनाव में मतदाता ने बड़ी उम्मीद से अपना मानते हुए वोट का प्यार जताया था और बदले में 5 साल नेताजी ने आंख दिखाकर निराश किया तो अब बारी जनता की है।
हम थोड़ी देर के लिए साल 2018 के चुनाव में चलते हैं। कार्यकर्ता आधारित भाजपा की वसुंधरा सरकार से उसका कार्यकर्ता ही खफा था, नतीजा खुद भाजपा के लोगों ने अपने ही नेताओं को उनका धरातल दिखा दिया। दूसरी कांग्रेस में कैडर की स्थिति किसी से छिपी नहीं। नेता आधारित इस पार्टी को भाजपा के ही लोगों ने सत्ता तक पहुंचाया। क्योंकि उसका पहला ध्येय तो अपने नेताओं को सबक सिखाना ही था। ये कैडर का ही कारण है कि भाजपा जब जीतती है तो उसे 150 से अधिक सीटें मिलती है और जब हारती है, तब भी उसे 77 सीटें मिल जाती है। वहीं कांग्रेस जब जीतती है तो 99 मिलती है और हारती है तो 21 तक पहुंच जाती है। राजस्थान ही नहीं, देशभर में अमूमन यही हालत है।
अब राजस्थान में इस चुनाव में दोनो दलों की स्थिति एक बार फिर देख लेते हैं। पेपर लीक, भ्रष्टाचार, कानून व्यवस्था और सांप्रदायिक तुष्टिकरण के पाप में आकंठ डूबी कांग्रेस ने भले ही सत्ता के चौथे साल बाद जनता को प्रलोभनों की बरसात कर दी, जिसमें भी वह सफल नहीं हो पाई। अब 4 साल तक जनमत का जो अपमान और अनदेखी की है, उसका सूत समेत भुगतान तो करना ही होगा।
दूसरी ओर पांच साल पहले अपने किए पापों का सत्ता से दूर रहकर प्रायश्चित कर चुके भाजपा नेताओं के प्रति उसके कार्यकर्ताओं में अब नाराजगी शेष नहीं है। विचारधारा से ओत प्रोत भाजपा कार्यकर्ता भी इन पांच साल में कांग्रेस की नीतियों से अपमानित हुआ है और अब उसकी प्राथमिकता अपने विचार परिवार के नेता से नाराजगी नहीं, बल्कि पुनः अपनी विचारधारा को शीर्ष पर पहुंचाना ही है। लोक व्यवहार के निजी अनुभव से मैं दावे से ये कह सकता हूं कि कांग्रेस को उसके कर्मों का फल इस चुनाव में जरूर मिलने वाला है और जनता जनार्दन सर्वोत्कृष्ट न्याय करेगी। नाथी के बाड़े में हुए प्रत्येक कुकृत्य का हिसाब अब जनता जरूर करेगी।
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