ईआरसीपी पर 13 जिलों में ग्रामीण लामबंद, चुनाव में दिखाएंगे ताकत
सूखे से त्रस्त पूर्वी राजस्थान की 3 करोड़ जनता की आवाज चंबल की चिट्टी
जयपुर। पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को लेकर पूर्वी राजस्थान के जिलों में ग्रामीणों का रोष बढ़ता जा रहा है। सामाजिक कार्यकर्ता रामनिवास मीना के नेतृत्व में ग्रामीण लामबंद हो रहे हैं और उन्होंने ऐलान किया है कि आगामी चुनावों में वोट उसी को देंगे जो ईआरसीएपी के लिए काम करेगा। 13 जिलों से जुड़ी परियोजना के लिए अगले माह आंदोलन तेज किया जाएगा।
बुधवार को यहां एंटरटेनमेंट पैराडाइज में मैग्सेसे पुरस्कार विजेता और जलपुरुष के नाम से विख्यात राजेंद्र सिंह और फिल्म अभिनेत्री युविका चौधरी की उपस्थिति में ईआरसीपी पर बनी डॉक्यूमेंट्री फिल्म चंबल की चिट्ठी को लॉन्च किया गया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।
मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम की शोभा बढाई राजेंद्र सिंह ने, जो एक प्रसिद्ध पर्यावरणविद और कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित शख्सियत है, सिंह 46 साल से जल संरक्षण के लिए कार्य करते आ रहे हैं।
युविका चौधरी दो दशक से अभिनय के क्षेत्र में जाना-माना चेहरा है और कई बॉलीवुड फिल्म्स टीवी सीरीज के लिए काम कर चुकी हैं।
'चंबल की चिट्ठी' सामाजिक कार्यकर्ता राम निवास मीना का प्रयास है, जो ये बताने के लिए काफी है कि जल संकट की मार झेल रहे पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों में जल आपूर्ति के लिए ERCP को राष्ट्रीय परियोजना सुनिश्चित करना ही एक मात्र विकल्प है।
ERCP को लेकर राम निवास मीना जमीनी स्तर पर संघर्ष कर रहे हैं और लोगों को जागरुक करने का प्रयत्न भी कर रहे हैं। उनके इसी प्रयास और पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों के नागरिकों की आस बनकर आई है 'चंबल की चिट्ठी'।
श्रविन्द्र मीना एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं जो गांव-गांव जाकर लोगों को ERCP में अवगत कर रहे हैं और उसके लाभ को लेकर जागरुक भी कर रहे हैं। रविंद्र मीना का संघर्ष भी ERCP को राष्ट्रीय परियोजना सुनिश्चिक करना है।
'चंबल की चिट्टी' आर एन प्रोडक्शन्स की निर्माता-निर्देशक रेनू नेगी और निर्देशक सुशील मेहता के निर्देशन में बनी फिल्म है। इस डॉक्यूमेंट्री का मकसद सिर्फ ये सच सामने लाना है कि पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों में सूखे की समस्या को दूर करने के लिए ERCP और चंबल का पानी ही सिर्फ एक उपाय है।
"चंबल की चिट्टी दर्शाती है कि पूर्वी राजस्थान के 13 जिले किस कदर जल संकट के प्रकोप से जूझ रहे हैं, कैसे वहां की जनता बिन जल वाहि वाहि कर रही है और कैसे ERCP परियोजना की शुरुआत इस क्षेत्र के लिए एक बरदान साबित हो सकती है, और कैसे यहां की समस्या का समाधान ERCP मे ही संभव है" - जलपुरुष राजेंद्र सिंह
"मुझे इस बात की बेहद खुशी है कि जलपुरुष की ख्याति प्राप्त डॉ राजेंद्र सिंह की बहुमूल्य उपस्थिति में सामाजिक मूल्यों से प्रेरित डॉक्यूमेंट्री 'चंबल की चिट्ठी' को लॉन्च किया गया" - राम निवास मीना
"आशा है कि चंबल की चिट्ठी से अधिक से अधिक लोग पूर्वी राजस्थान के जल संकट को लेकर जागरुक होंगे और प्रमुख सामाजिक परिवर्तन लाने के लिए एक साथ आएंगे" - युविका चौधरी
20-25 साल से बिन पानी जीवन जीने को मजबूर लोगों की कहानी को सबके सामने लाने का मौका देने के लिए मैं राम निवास मीना की आभारी हूं, उम्मीद है मेरी कोशिश रंग लाएगी - रेनू नेगी
भामाशाह और पानी वाले बाबा के रूप में मशहूर श्री राम निवास मीना, करौली जिले के टोडाभीम विधानसभा क्षेत्र के लोगों की सहायता के लिए सक्रिय रूप से सेवा कार्य करते आ रहे हैं। श्री मीना कई युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत रहे हैं, 45 हजार लोगों को पीने का पानी सुनिश्चित करने, करौली जिले को मोतियाबिन्द से मुक्त करने जैसे कई अभियान उनके सहयोग से हुए हैं।
मीना स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था, पेयजल, गांवों में सड़कों के निर्माण, 250 से अधिक दिव्यांगों को हर महीने 2 हजार रुपये मासिक पेंशन, छात्रों के लिए पुस्तकालय, असमर्थ परिवारों के लिए आवास, कन्यादान के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करते रहे हैं। ग्रामीण प्रतिभाओं को बढ़ावा देने, गौशाला, पार्क और 20 से अधिक मंदिर निर्माण का श्रेय भी राम निवास मीना को जाता है।
अपने समाज और क्षेत्र के लिए हमेशा आगे बढ़कर प्रयास करने वाले श्री राम निवास मीना जी ने प्रण लिया है कि वो पूर्वी राजस्थान के सूखा प्रभावित 13 जिलों से जल संकट को दूर करने के लिए ERCP को राष्ट्रीय परियोजना सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। हर घर जल पहुंचना है, चंबल का पानी लाना है।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें