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पत्रकारों को गहलोत सरकार से भिड़ाकर ही दम लेंगे कुंजीलाल

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विधायक बनने की चाह में दिखा रहे हैं राजनीतिक होशियारी जयपुर। लगता है कि यूडीएच सचिव कुंजीलाल मीणा ने ठान ही लिया है कि पिछले छह माह से गांधीवादी आंदोलन कर रहे 571 आवंटी पत्रकारों का मुख्‍यमंत्री अशोक गहलोत से विश्‍वास उठ जाए और वे गहलोत सरकार के खिलाफ आंदोलन पर उतर आएं। तभी तो वे 571 आवंटी पत्रकारों और उनके परिवारों पर कुठाराघात करने पर उतारू हैं। यह जानते हुए कि पिंकसिटी प्रेस एनक्‍लेव, नायला योजना महज जेडीए की तत्‍कालीन लिपिकीय त्रुटि के चलते लंबित है और इसमें आवंटी पत्रकारों की कोई गलती नहीं है, कुंजीलाल मीणा चाहते हैं कि योजना को निरस्‍त कर दिया जाए। मीणा पहले भी आवंटियों से कह चुके हैं कि उन्‍हें न्‍याय के लिए कोर्ट ही जाना चाहिए।  विधायक बनने की चाह रखने वाले कुंजीलाल मीणा राजनीतिक होशियारी से इस योजना को खत्‍म करना चाहते हैं। उन्‍हें अच्‍छे से पता है कि अगर मुख्‍यमंत्री अशोक गहलोत 571 आवंटी पत्रकारों के साथ न्‍याय करेंगे तो वे निश्चित ही आगामी विधानसभा चुनावों में सरकार और उसकी योजनाओं का प्रचार प्रसार कर कांग्रेस के मददगार साबित होंगे। लेकिन अगर प्‍लॉट की उम्‍मी...

मुख्‍यमंत्री से मिले 571 आवंटी पत्रकार

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अधिकारियों को कार्यवाही के निर्देश जयपुर। पिंकसिटी प्रेस एनक्‍लेव, नायला पत्रकार नगर के 571 आवंटी पत्रकारों ने मंगलवार को यहां मुख्‍यमंत्री निवास पर आयोजित होली मिलन समारोह में मुख्‍यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात की और उन्‍हें होली की शुभकामनाएं देते हुए नायला योजना में जारी गतिरोध को समाप्‍त कर प्‍लॉटों के पट्टे जारी कराने की मांग की। सीएमआर से मंगलवार शाम होली मिलन समारोह की सूचना पाकर चलो नायला संगठन का 31 सदस्‍यीय दल सीएम से मिलने पहुंचा। मुख्‍यमंत्री अशोक गहलोत ने भी बड़े सद्भाव और संवेदनशीलता के साथ पत्रकारों के दल से काफी देर बात की। पत्रकारों ने उन्‍हें बताया कि वे 41 दिन तक रोज मुख्‍यमंत्री निवास पर आए हैं, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हुई। साथ खडे ओएसडी देवाराम सैनी ने भी बताया कि 5-5 पत्रकारों के जत्‍थे रोज आए हैं। पत्रकारों ने बताया कि 14 वर्ष का तो रामजी का वनवास था। पत्रकारों का वनवास तो रामजी से भी अधिक होने लगा है। मुख्‍यमंत्री जी की ही 2010 की योजना है और मुख्‍यमंत्री जी ही इसके गतिरोध दूर करें। पत्रकारों की उलाहना भरी गुहार गहलोत खामोशी से सुनते रहे और ओएसडी सैनी...

अधिकारियों की लचरता की बलि चढ़ेगी गहलोत की घोषणा!

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अब तक नहीं बनी पत्रकारों को रियायती भूखंड की नीति रूपेश टिंकर जयपुर। प्रदेश में केवल मुख्‍यमंत्री अशोक गहलोत ही चाहते हैं कि पत्रकारों को रियायती दर पर प्‍लॉट उपलब्‍ध हो और उनकी आवासीय समस्‍याएं हल हों, लेकिन उनकी सरकार के अधिकारी उनकी इस मंशा से कम ही ताल्‍लुक रखते हैं। इसीलिए बांसवाड़ा समेत कुछ अन्‍य जिलों में पत्रकारों की आवासीय योजनाएं बनकर तैयार है, लेकिन राज्‍य के नगरीय विकास विभाग और राज्‍य स्‍तरीय पत्रकार आवास समिति की ओर से कोई भी नीति जारी नहीं होने के चलते अनेक समस्‍याएं उत्‍पन्‍न हो गई है। जहां गहलोत की पिछली सरकार के दौरान वर्ष 2010 में ही पत्रकारों को आरक्षित दर से 50 प्रतिशत की दर पर प्‍लॉट देने के आदेश जारी किए जा चुके थे, इस सरकार के पांचवें वर्ष आने तक इस सम्‍बन्‍ध में कोई भी आदेश जिलों में नहीं पहुंचे हैं। ऐसे में रियायती दर पर अपने प्‍लॉट का सपना देख रहे जिलों के पत्रकार शत प्रतिशत आरक्षित दर पर ही प्‍लॉट खरीदने पर मजबूर हैं।  मुख्‍यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार की प्राथमिकता रही है कि आवास समस्‍या से परेशान प्रदेश के पत्रकारों के लिए आवासीय योजनाएं बना...