बीजेपी के टिकटार्थी कुंजीलाल लगा रहे गहलोत की योजनाओं को पलीता

जयपुर। पिंकसिटी प्रेस एनक्लेव, नायला पत्रकार नगर की पिछली गहलोत सरकार के दौरान हुई समस्त आवंटन प्रक्रिया को यूडीएच प्रमुख सचिव डा कुंजीलाल मीणा नियम विरुद्ध और अवैध बताते हैं। डा मीना चाहते हैं कि इस योजना को निरस्त कर दिया जाए और आवंटित प्लॉट के पट्टों के लिए 27 दिन से मुख्यमंत्री निवास पर हाजिरी लगा रहे पत्रकारों से दिए हुए प्लॉट ही वापस छीन लिए जाए। 
आवंटी पत्रकारों का कहना है कि अपनी प्रशासनिक सेवा के दौरान हमेशा विवादों में घिरे रहे मीना सीएम गहलोत की योजनाओं को पलीता लगाने में लगे हैं, जबकि वे जानते हैं कि 571 परिवार अधिकारियों की गलतियों का ही खामियाजा उठा रहे हैं। इस मामले में सरकार और जेडीए साल 2013 में भी हाई कोर्ट को कह चुके हैं कि योजना के ब्रोशर में अधिस्वीकरण प्रमाण पत्र की लिखी मांग जेडीए की क्लेरिकल मिस्टेक थी और नायला योजना की पात्रताओं में अधिस्वीकरण की पात्रता नहीं थी। 
नायला योजना के संबंध में हाई कोर्ट के दूसरे निर्णय में भी जेडीए और सरकार की स्वीकारोक्ति लिखी है। हाई कोर्ट ने दूसरे निर्णय में लिखा है कि जेडीए को कानून के अनुसार तथ्यों और नियमों की पृष्ठभूमि में काम करना था, जो कि नहीं किया गया। इससे नाराज हाई कोर्ट ने जेडीए का प्रार्थना पत्र ही खारिज कर दिया था। मजे की बात है कि ये ही कुंजीलाल नायला योजना की आवंटन प्रक्रिया के दौरान डीपीआर के आयुक्त भी थे। सूत्र बताते हैं कि कुंजीलाल आगामी विधानसभा चुनाव में विधायक बनने की चाह रखते हैं और इसके लिए भाजपा का टिकट प्राप्त करने की जुगत लगा रहे हैं। उनके भाजपा के टिकट प्रेम का नतीजा है कि वे पिंकसिटी प्रेस एनक्लेव, नायला को निरस्त कराकर आंदोलनरत 571 आवंटी पत्रकारों को गहलोत सरकार से लड़ाने का मंसूबा पाले यूडीएच में बैठे हैं।

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